7th Pay Commission: केंद्र सरकार आज, 12 मार्च 2025 को महंगाई भत्ता (डीए) और महंगाई राहत (डीआर) में वृद्धि की घोषणा कर सकती है। यह फैसला देश के 1.2 करोड़ से अधिक सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए राहत भरा साबित हो सकता है। आज होने वाली कैबिनेट बैठक में इस प्रस्ताव पर अंतिम मुहर लगने की संभावना है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में होने वाली यह बैठक सरकारी कर्मचारियों के लिए बड़ी खुशखबरी लेकर आ सकती है।
महंगाई भत्ते में कितनी हो सकती है बढ़ोतरी?
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, केंद्र सरकार होली के त्योहार से पहले महंगाई भत्ते में 2 प्रतिशत की वृद्धि कर सकती है। अगर यह प्रस्ताव पारित होता है, तो वर्तमान में 53 प्रतिशत का महंगाई भत्ता बढ़कर 55 प्रतिशत हो जाएगा। हालांकि, इस बारे में अंतिम निर्णय आज की कैबिनेट बैठक के बाद ही स्पष्ट होगा।
पिछली बार अक्टूबर 2024 में, सरकार ने महंगाई भत्ते में 3 प्रतिशत की बढ़ोतरी की थी, जो 1 जुलाई 2024 से लागू हुई थी। इस बढ़ोतरी के बाद महंगाई भत्ता 50 प्रतिशत से बढ़कर 53 प्रतिशत हो गया था। आमतौर पर, सरकार साल में दो बार (1 जनवरी और 1 जुलाई) को महंगाई भत्ते में संशोधन करती है, लेकिन इसकी आधिकारिक घोषणा मार्च और सितंबर में की जाती है।
वेतन पर कैसा पड़ेगा प्रभाव?
महंगाई भत्ते में 2 प्रतिशत की वृद्धि का सीधा असर सरकारी कर्मचारियों की मासिक आय पर पड़ेगा। अगर किसी कर्मचारी की मूल वेतन (बेसिक सैलरी) 18,000 रुपये है, तो वर्तमान में उसे 53 प्रतिशत के हिसाब से 9,540 रुपये महंगाई भत्ते के रूप में मिल रहे हैं।
अब अगर महंगाई भत्ता 2 प्रतिशत बढ़कर 55 प्रतिशत हो जाता है, तो इसी कर्मचारी को 9,900 रुपये महंगाई भत्ते के रूप में मिलेंगे। यानी हर महीने उसके वेतन में 360 रुपये की वृद्धि होगी। वहीं, अगर सरकार 3 प्रतिशत की बढ़ोतरी करती है, तो कुल महंगाई भत्ता 10,080 रुपये हो जाएगा, जिससे हर महीने 540 रुपये की अतिरिक्त आय होगी।
महंगाई भत्ते का निर्धारण कैसे होता है?
महंगाई भत्ते का निर्धारण उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (AICPI) के आधार पर किया जाता है। इसकी गणना पिछले 12 महीनों के औसत के आधार पर की जाती है। सरकार हर साल 1 जनवरी और 1 जुलाई को महंगाई भत्ते में संशोधन करती है, लेकिन इसकी आधिकारिक घोषणा मार्च और सितंबर में की जाती है।
वर्ष 2006 में सरकार ने महंगाई भत्ते की गणना के लिए एक नया फॉर्मूला अपनाया था, जिससे इसका मूल्यांकन अधिक सटीक हो सके। यह फॉर्मूला बाजार में वस्तुओं और सेवाओं की कीमतों में होने वाले बदलावों को बेहतर तरीके से दर्शाता है, जिससे सरकारी कर्मचारियों को महंगाई के अनुसार उचित मुआवजा मिल सके।
8वें वेतन आयोग की तैयारी
इस बीच, केंद्र सरकार ने जनवरी 2025 में 8वें वेतन आयोग की घोषणा की है, जो सरकारी कर्मचारियों के वेतन और पेंशन में संशोधन करेगा। वर्तमान में लागू 7वें वेतन आयोग का कार्यकाल 31 दिसंबर 2025 को समाप्त होगा और 8वां वेतन आयोग 2026 से लागू होने की संभावना है।
हालांकि, सरकार ने अभी तक 8वें वेतन आयोग की शर्तों और सदस्यों की जानकारी जारी नहीं की है। विशेषज्ञों का मानना है कि 8वां वेतन आयोग सरकारी कर्मचारियों के वेतन ढांचे में महत्वपूर्ण बदलाव ला सकता है और उनके लिए और अधिक लाभकारी हो सकता है।
कर्मचारियों के लिए क्या है लाभ?
महंगाई भत्ते में वृद्धि से सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को बढ़ती महंगाई से राहत मिलेगी। बाजार में वस्तुओं और सेवाओं की कीमतों में निरंतर वृद्धि के कारण आम आदमी की जेब पर दबाव बढ़ता जा रहा है। ऐसे में, महंगाई भत्ते में बढ़ोतरी से कर्मचारियों की क्रय शक्ति बनी रहेगी और उन्हें आर्थिक संकट का सामना नहीं करना पड़ेगा।
इसके अलावा, महंगाई भत्ते में वृद्धि से कर्मचारियों के मनोबल में भी बढ़ोतरी होगी और वे अपने काम में अधिक उत्साह और समर्पण के साथ लग सकेंगे। यह न केवल कर्मचारियों के लिए, बल्कि समग्र रूप से देश की अर्थव्यवस्था के लिए भी लाभकारी होगा।
आज होने वाली कैबिनेट बैठक में महंगाई भत्ते में वृद्धि की घोषणा होने की संभावना है। अगर यह प्रस्ताव पारित होता है, तो इससे देश के 1.2 करोड़ से अधिक सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को लाभ मिलेगा। महंगाई भत्ते में 2 प्रतिशत की वृद्धि से कर्मचारियों की मासिक आय में इजाफा होगा और उन्हें बढ़ती महंगाई से राहत मिलेगी।
सरकार का यह कदम बढ़ती महंगाई के प्रभाव को संतुलित करने और कर्मचारियों की आय को स्थिर बनाए रखने के लिए उठाया गया है। अब सबकी नजरें 12 मार्च को होने वाली कैबिनेट बैठक पर टिकी हैं, जहां इस फैसले की आधिकारिक घोषणा हो सकती है।
अस्वीकरण (Disclaimer)
यह लेख सार्वजनिक रूप से उपलब्ध जानकारी के आधार पर तैयार किया गया है। महंगाई भत्ते में वृद्धि के बारे में अंतिम निर्णय केंद्र सरकार द्वारा लिया जाएगा। इस लेख में दी गई जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है और इसकी पुष्टि सरकारी घोषणा के बाद ही की जा सकती है। पाठकों से अनुरोध है कि वे सरकारी आदेश और अधिसूचनाओं का संदर्भ लें।